लोक पर्व के रुप में मना सहरिया क्रांति का स्थापना दिवस 


-सड़कों पर उतरा सहरियों का सैलाब
-आदिवासियों ने लिया व्यसन मुक्त समाज का संकल्प 

 

शिवपुरी . सहरिया क्रांति संगठन ने आज अपने स्थापना दिवस को समारोह पूर्वक लोक पर्व के रुप में मनाया और विदाई रैली भी निकाली। इस अवसर पर विवेकानंद पुरम स्थित बेचैन कोठी पर गांव गांव से बड़ी संख्या में आए आदिवासियों ने लोक संगीत और भजन सत्संग कर जहां उत्सवी अंदाज में स्थापना दिवस मनाया वहीं आदिवासी मुखियाओं की मौजूदगी में सहरिया समुदाय के लोगों ने समाज के साथ साथ अपने अपने गांवों को व्यसन मुक्त करने का संकल्प भी लिया। उन्हें यह संकल्प सहरिया क्रांति के संयोजक संजय बेचैन ने दिलाया। इस दौरान विभिन्न गांवों से आए आदिवासी समुदाय के लोगों खासकर आदिवासी मुखियाओं और सहरिया समाज के हित में काम करने वाले लोगों का संजय बेचैन ने पुष्पाहारों से स्वागत भी किया। 
सहरिया क्रांति के स्थापना दिवस पर संजय बेचैन ने गांवों से आए आदिवासी मुखियाओं के साथ केक भी काटा और कहा कि उनका जीवन सहरिया आदिवासियों के उत्थान को समर्पित है, आज उनका स्वयं का भी जन्म दिन है जिसे वे सहरिया क्रांति के स्थापना दिवस को समर्पित कर आदिवासी भाईयों के साथ मना रहे हैं।
सभा मंच से अन्य वक्ताओं ने भी अपने प्रेरक उद्बोधन दिए समस्याओं को रखा और संकल्प लिया कि वे सहरिया समाज को शराब, नशा, जुआ और अन्य बुराईयों से मुक्त समाज बनाऐंगे बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए प्रयास कर गांवों को साफ स्वच्छ बनायेंगे। इस बीच ग्रामीण भजन मण्डलों ने लोक संगीत का शानदार प्रस्तुतिकरण किया। सभा के बाद बेचैन कोठी से सहरिया समुदाय के लोगों को संक्षिप्त रैली की शक्ल में विदाई दी। ज्ञात हो कि प्रतिवर्ष सहरियाक्रांति की विशाल रैली का आयोजन स्थापना दिवस पर किया जाता है मगर इस वार 5 अगस्त को रैली आयोजित न कर आगामी सितम्बर माह में सहरिया क्रांति अधिकार रैली निकालने पर सहमति जताई गई। सहरिया क्रांति के संयोजक संजय बेचैन ने ग्रामीण क्षेत्रों से प्रत्येक गाँव के दो दो आदिवासी मुखियाओं का माल्यार्पण कर विदाई दी।

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Source : Agency

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Name: धीरज मिश्रा (संपादक)

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